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लोक देवता कारिस देव मन्दिर जहाज का होगा कायाकल्प, मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनेगा भव्य पनोरमा, सड़क का होगा विस्तार

भरतपुर, (राजस्थान) जिले के वैर उपखंड के जहाज गांव में स्थित लोक देवता कारिस देव के जन्म स्थान पर देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को आने वाले समय में नये कायाकल्प के साथ मन्दिर एवं सम्पूर्ण मार्ग पर आमजन को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जिले में चल रहे विकास कार्यों की कडी में नया अध्याय जुडते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर वैर उपखंड स्थित लोक देवता कारसदेव के जहाज गांव में मन्दिर के सौन्दर्यकरण, सुविधाओं एवं पनोरमा के लिए 3.60 करोड़ रूपये राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये है। लोकदेवता कारसदेव के जन्म स्थान पर वर्ष में दो बार भाद्रपद एवं बैसाख माह मंे लख्खी मेला आयोजित किया जाता है जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित 11 राज्यों से श्रद्धालु अपनी मनौती पूरी होने पर दर्शन करने आते हैं। यहां वर्षभर नियमित रूप से गोठ के आयोजन भी होते हैं जिसमें श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार, नव वर-वधु को ढोक दिलाने की परम्परा का निवर्हन करते हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के वीजन के अनुरूप जिले में धार्मिक पर्यटन को बढावा देने एवं ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के स्थलों के संरक्षण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की कडी में कारसदेव मन्दिर का भी चयन किया गया है। इसमें बल्लभगढ से जहाज गांव की सड़क के विकास के लिए वन विभाग में पत्रावली डायवर्जन प्रस्ताव के साथ भेजी जा चुकी है जिससे इस मार्ग का विस्तार होने से मेले के समय लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिलेगी तथा सभी मौसम के दौरान श्रद्धालु सुलभ यात्रा कर सकेंगे।
गृृह राज्यमंत्री जवाहरसिंह बेढ़म गत 16 अप्रेल को मेले के उद्वघाटन कार्यक्रम में शिरकत करते हुये उन्होंने सम्पूर्ण मन्दिर परिसर की साफ-सफाई एवं भवनों की रंगाई-पुताई के लिए ग्राम पंचायत को निर्देशित किया। मन्दिर को नया रूप देने का कार्य ग्राम पंचायत एवं मन्दिर विकास समिति द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि लोकदेवता कारिस देव पूर्वी राजस्थान एवं बुन्देलखंड क्षेत्र में सभी जातियों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। किसान वर्ग द्वारा पशुओं के रक्षक के रूप में इनके गांव-गांव में थानक बनाकर पूजा की जाती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां भव्य पनोरमा बनेगा, यात्रियों को आवागमन की सुविधा मिलेगी, मन्दिर का विकास कार्य हाथ में लिया जायेगा।

बनेगा आधुनिक पनोरमा- 
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जहाज गांव में लोक देवता कारिस देव का भव्य पनोरमा बनाया जायेगा जिसमें कारिस देव के जन्म से लेकर उनके द्वारा की गई लीलाओं, इतिहास एवं लोक मान्यताओं को प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पनोरमा बनने से देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को कारिस देव के बारे में सचित्र जानकारी मिल सकेगी। बुन्देलखंड, पूर्वी राजस्थान एवं दिल्ली तक की लोक मान्यताओं का दिग्दर्शन यहां देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि पनोरमा बनने के साथ सम्पूर्ण मन्दिर परिसर का सुव्यवस्थित विकास भी होगा जिससे मेले के दौरान देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पडे। उन्होंने बताया कि कारिस देव जन्म स्थान एवं सीतल कुंड पर भी श्रद्धालु जाते हैं ऐसे में इस मार्ग को भी सुविधा युक्त बनाया जायेगा।

बुन्देलखंड एवं राजस्थान के लोक देवता-
कारिस देव को राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में गांव-गांव में पशुओं के लोकदेवता के रूप में भी पूजा जाता हैै। जिले के वैर उपखंड के गांव जहाज में कारिस देव का जन्म स्थान है जहां पुराना मन्दिर बना हुआ है, इसके साथ ही उनकी तपोस्थली सीतलकुंड पर अनवरत जलधार शिवलिंग का अभिषेक करते हुए बहती है पास में प्राकृतिक रूप से बने कुंड में श्रद्धालु स्थान करते है। बुन्देलखंड अंचल के मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, झाँसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बाँदा जिलों में कारसदेव के चबूतरे भी अधिक संख्या में हैं। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों जैसे पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, शिवपुरी में भी सीमावर्ती क्षेत्रों में भी कारसदेव की मान्यता पशुपालकों में लोक देवता के रूप में है।

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